Angika News | अंग प्रदेश केरौ गुवारीडीह मँ मिललै पाँच हजार साल पुराना पुरातात्विक अवशेष | Angika.com
अंग प्रदेश केरौ भागलपुर जिला के बीहपुर प्रखंड केरौ गुवारीडीह गाँव मँ कोसी नदी के किनारा प ढिम्मा प पुरातात्विक महत्व के पाँच हजार साल पुरानौ ताम्रपाषाणकाल युग के अवशेष मिललो छै । सथें 2500 बर्ष पुरानौ बुद्धकालीन अवशेष भी मिललो छै ।
समाचार सारांश
- गुवारीडीह बस्ती लगाँ कोसी नदी के करगी प 2500 बरस स ल करी क 5000 बरस पुरानौ पुरातात्विक अवशेष मिललो छै
- कहलौ जाय रहलौ छै कि गुवारीडीह केरौ सभ्यता चंपा केरौ नागरीय सभ्यता के पृष्ठभूमि छेकै
- तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बिहारी लाल चौधरी नँ प्रेस रिलीज जारी करी क ई जानकारी देनै छै
- 1960 ई. मँ पुरातत्वविद प्रो. बी.पी. सिन्हा द्वारा करलौ गेलौ चंपा के खुदाई सँ ऐसनेअवशेष मिललो रहै
गुवारीडीह (बीहपुर), 8 दिसंबर, 2020 ।
बिहार केरौ अंगप्रदेश के बिहपुर प्रखंड लगाँ बसलौ गुवारीडीह बस्ती लगाँ कोसी नदी के करगी प 2500 बरस ल करी क 5000 बरस पुरानौ पुरातात्विक अवशेष मिललो छै । कहलौ जाय रहलौ छै कि बिहपुर प्रखंड के गुवारीडीह केरौ सभ्यता चंपा केरौ नगरीय सभ्यता के पृष्ठभूमि छेकै । तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बिहारी लाल चौधरी नँ एगो प्रेस रिलीज जारी करी क कहलै छै कि जब सँ गुवारीडीह सँ पुरातात्विक अवशेष मिलना शुरू होलो छै । ओहे समय सँ हुनी सिनी गुवारीडीह पर करीबी नजर राखी क अध्ययन करी रहलौ छेलै । हुनको नेतृत्व मँ एगो टीम नँ स्थलीय सर्वे भी करलै छै ।
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास व पुरातत्व विभाग तरफो सँ एगो प्रेस रिलीज जारी करी क बतैलौ गेलो छै कि कोसी केरौ जलस्तर मँ कमी ऐला के कारण अबअ वू जग्घौ सँ गाँव वाला सिनी क बड़ौ मात्रा मँ पुरातात्विक अवशेष सब के प्राप्ति होय रहलौ छै । जेकरा मँ पक्का ईंटा सँ बनलो दीवार के संरचना भी छै जे दरसाबै छै कि वैन्जां कहिय्यो नगर के बासौ छेलै ।
गाँववाला सिनी नँ जे अवशेष संग्रह करलै छै ओकरा मँ बहुतायत संख्या मँ एनबी पीडब्ल्यू संस्कृति सँ जुड़लो अनेक रंग वाला मृदभांड छै । खेती-बारी के काम में काम आबै वाला लौह उपकरण आरू औजारौ के अवशेष भी बड़ौ संख्या मँ मिली रहलौ छै । मवेशियो के जीवाश्म आरू विभिन्न संस्कृति सँ जुड़लो सभ्य मानव द्वारा निर्मित पाषाण उपकरण आरू औजार भी प्राप्त होलौ छै ।
ई जग्घौ 25°26′ 30.5″ उत्तरी अक्षांश 86°55′ 06.5′ पूर्वी देशांतर पर स्थित छै । प्राप्त सामग्री सब सँ ई पता चलै छै कि ई जगह ताम्र पाषाण संस्कृति के अवशेष हुअय सकै छै । यहाँ सँ मिललो एनबीपीडब्ल्यू के अवशेष सँ ऐसनो लगै छै कि ई अंग जनपद केरौ राजधानी चंपा (अखनको भागलपुर) केरौ पृष्ठभूमि रहलो होतै । सन 1960 ईस्वी मँ पुरातत्वविद प्रो. बी.पी. सिन्हा द्वारा करलो गेलो चंपा के खुदाई सँ ऐसने तरह के एनबीपीडब्ल्यू अवशेष मिललो रहै ।
गुवारीडीह इलाका के लोग ई बात सँ आश्चर्यचकित छै कि गंगा कोसी के बीच मँ बसलो नवगछिया के संस्कृति एत्ते जादा पुरानौ छै ।
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गुवारीडीह (बीहपुर), 8 दिसंबर, 2020 ।
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Angika News | Five thousand years old Archaeological remains found in Guwaridih village of Anga Pradesh | Angika.com
Guwaridih (Bihpur), 8 December, 2020.
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