Angika | तिलकामांझी भागलपुर विवि के स्नातकोत्तर अंगिका विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रभाकर केरौ असामयिक निधन | Angika.com
भागलपुर, 6 नवंबर, 2020। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) केरौ पीजी अंगिका विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. (प्रो.) प्रेम प्रभाकर केरौ शुक्रवार क आकस्मिक व असामयिक निधन होय गेलै । हुनको निधन सँ अंग क्षेत्र केरौ साहित्यिक व शैक्षणिक जगत मँ शोक के लहर पसरी गेलौ छै ।
डॉ. (प्रो.) प्रेम प्रभाकर क काल गुरुवार रात क ही लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी स्थित हुनकौ आवास मँ हार्ट अटैक होलौ छेलै। ओकरो बाद इलाज हुनका निजी नर्सिग होम मँ भर्ती करैलौ गेलौ रहै, जहां उनकौ निधन भ गेलै ।
गत जून महीना मँ डॉ. प्रेम प्रभाकर क स्नातकोत्तर अंगिका विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर केरौ नयौ विभागाध्यक्ष नियुक्त करलौ गेलौ छै । डॉ. प्रेम प्रभाकर जैसनौ विद्वान आरू भाषा व संस्कृति के प्रति संवेदनशील हस्ती क स्नातकोत्तर अंगिका विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर केरौ नयौ विभागाध्यक्ष नियुक्त करला सँ अंगिका भाषी जनमानस मँ नयौ आशा के संचार होलौ छेलै कि भागलपुर वि,वि. मँ अंगिका के विकास के मार्ग प्रशस्त होतै ।
भागलपुर जिलान्तर्गत जगदीशपुर प्रखंड केरौ मखना गाँव निवासी प्रो.(डॉ.) परशुराम राय "प्रेम प्रभाकर" आपनौ उपनाम प्रो. प्रेम प्रभाकर के नाँव सँ ही जादा जानलौ जाय रहै । हुनी डॉ. उपाधि के भी प्रयोग नै करै रहै । तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी स्नातकोत्तर विभाग के प्रोफेसर के साथ-साथ हुनी वि.वि. पत्रकारिता विभाग के संयोजक व अंगिका विभाग के विभागाध्यक्ष भी रहै । एकरौ अलावे हुनी हिन्दी आरू अंगिका के वरिष्ठ साहित्यकार छेलै । हुनी भागलपुर सँ प्रकाशित होय वाला हिन्दी पत्रिका "अंग चंपा" के संपादक भी रहै ।
आसाम मँ पत्रकार के रूप मँ दैनिक सेंटिनल सँ आपनौ कैरियर केरौ शुरूआत करी क जनसत्ता, नवभारत टाइम्स आरनि अखबारौ मँ आरू आकाशवाणी भागलपुर मँ उद्घोषक, कंपीयर, अंगिका अनुवादक के काम करै वाला प्रो. प्रेम प्रभाकर 7 नवंबर 1996 क विश्वविद्यालय केरौ शिक्षण सेवा सँ जुड़लौ छेलै आरू जीवनपर्यंत पूरे 24 वर्ष तलक यहाँ योगदान देलकै। डॉ. प्रभाकर केरौ पाँच किताबें हम सारी दुनिया बदलेंगे, पहचान तलाशते आदिवासी, साहित्य विमर्श, हिदी कहानी नवादशक आरू कृषक प्रमुख छै। हुनकौ अंग्रेजी मँ लिखलौ किताब, कोयेस्ट फॉर सेल्फ डिटरमिनेशन भी काफी महत्वपूर्ण छै।
आपनै पीछू छोड़ी गेलौ प्रो. प्रेम प्रभाकर के परिवार मँ हुनको पत्नी के अलावे दू बेटा आरू दू बेटी छै । एक बेटा पूना मँ इंजीनियर छै, जबकि एक बेटी मुंबई मँ इंजीनियर छै। बड़ी बेटी चंडीगढ़ मँ भारतीय खाद निगम मँ बड़ौ पद पर कार्यरत छै ।
अंतिम दर्शन लेली हुनकौ पार्थिव शरीर क लालबाग स्थित प्रोफेसर क्वार्टर मँ रखलौ गेलौ छै।
हुनकौ निधन पर हिन्दी आरू अंगिका के अनगिनत साहित्यकार, पत्रकार सिनी नँ संवेदना व्यक्त करलै छै । संवेदना व श्रद्धांजलि व्यक्त करै वाला मँ शामिल छै - विभुरंजन जयसवाल, डॉ. योगेंद्र, कुंदन अमिताभ, शशिधर मेहता, फूल कुमार अकेला, अनिरूद्ध प्रसाद विमल, डॉ. अमरेंद्र, प्रभाकर कुमार, मृदुला शुक्ला, डॉ. मनोज मीता, अंशुमाला झा, अंजनी कुमार शर्मा, ध्रुव कुमार, आदित्य राज, डॉ. चैतन्य प्रकाश, राहुल राजीव, पल्लवी रानी,चंदन गुंजन, रोशन कुमार, मधुर मिलन नायक, राजीव बनर्जी, अरूण कुमार सिंह, मुरारी मिश्रा, हला असलम, आदित्य मिश्रा, डॉ. सुधीर कुमार, मनीष शिवपूनम यादव, शुभ्रांशु मिश्रा, भारतेंदु आनंद ।
ति.मा.भा.वि.वि. हिन्दी केरौ विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र नँ कहलकै कि हुनी एगो अच्छा साथी के साथ हिंदी साहित्य केरौ बेहतरीन जानकार हेराय देलकै, ई अपूरणीय क्षति छेकै।
हुनका निधन पर ति.मा.भा.वि.वि. केरौ प्रभारी कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह, सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार सिंह समेत शिक्षक संघ के डॉ. डीएन राय हिंदी विभाग के डॉ. बहादुर मिश्रा, एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रमन सिन्हा, इतिहासकार शिव शंकर सिंह पारिजात आरनि नँ भी शोक व्यक्त करलै छै।
डॉ. प्रभाकर केरौ निधन पर ति.मा.भा.वि.वि. पीजी गांधी विचार विभाग मँ शोक सभा के आयोजन करलौ गेलै। विभाग के हेड प्रो. विजय कुमार नँ कहलकै कि हुनको निधन हिदी साहित्य आरू शिक्षा जगत लेली अपूरणीय क्षति छेकै। विभाग मँ शिक्षक डॉ. उमेश प्रसाद नीरज, डॉ. अमित रंजन सिंह, गौतम कुमार, मनोज कुमार दास, नरेन नवनीत आरनि नँ दू मिनट के मौन रखी क श्रद्धांजलि देलकै ।
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