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Angika News | प्रधानमंत्री नँ ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु देश क समर्पित करलकै | Angika.com

सुपौल, 18 सितंबर, 2020 । प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी नँ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम सँ ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु क देश क समर्पित करलकै आरू यात्रियौ सिनी के लाभ लेली बिहार मँ नयौ रेल लाइन सब के आरू विद्युतीकरण परियोजना सब केरौ भी उद्घाटन करलकै ।

 

ई मौका पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नँ कहलकै कि बिहार मँ रेल संपर्क के क्षेत्र मँ एगो नया इतिहास रचलौ गेलौ छै । हुनी कहलकै कि आय कोसी महासेतु आरू किऊल ब्रिज के उद्घाटन, विद्युतीकरण परियोजना, रेलवे मँ मेक इन इंडिया के प्रोत्साहन आरू नयौ रोजगार पैदा करै वाला एक दर्जन परियोजना सब क मिलाय क लगभग 3000 करोड़ रुपये केरौ परियोजना के शुरुआत करलौ गेलौ छै। ई परियोजना सब नै खाली बिहार केरौ रेल नेटवर्क क, भलुक पश्चिम बंगाल आरू पूर्वी भारत लेली रेल संपर्क क भी मजबूत करतै।

 

ई ऐतिहासिक अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री फागू चौहान, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री, रेल व वाणिज्य व उद्योग मंत्री मंत्री श्री पीयूष गोयल, विधि आऱू न्याय व संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स आरू सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी आरू मत्स्य पालन मंत्री श्री गिरिराज सिंह, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय आरू बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी मौजूद रहै।

 

प्रधानमंत्री नँ कोसी रेल महासेतु के अलावा बिहार राज्य के फायदा लेली यात्री सुविधा सँ जुड़लौ अन्य रेल परियोजना सब के भी उद्घाटन करलकै। एकरा मँ शामिल छै -

•    बरौनी मँ नया इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव शेड

•    किउल नदी पर एगो नया रेलवे पुल

•  विद्युतीकरण के पाँच परियोजना: मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया, भागलपुर-शिवनारायणपुर खंड पर।

•   करनौटी- बख्तियारपुर लिंक बाईपास आरू बरह-बख्तियारपुर के बीच तेसरौ रेललाइन

•   किऊल नदी केरौ ऊपर नया पुल आरू इलेक्ट्रिक इंटरलॉकिंग

प्रधानमंत्री नँ बिहार के लोगौ क नया आरू आधुनिक सुविधा लेली बधाई देलकै जेकरा सँ बिहार समेत पूर्वी भारत के रेलयात्रियौ सिनी क फायदा होतै । हुनी कहलकै कि बिहार मँ नदियौ के जाल के वजह सँ एकरौ बहुत्ते हिस्सा एक-दोसरा सँ कटलौ छै आरू जेकरौ कारण लोग़ो क लंबा-लंबा यात्रा करै ल पड़ै छै। हुनी कहलकै कि चार साल पहलें ई समस्या क दूर करै लेली पटना आरू मुंगेर मँ दू महासेतु क बनैलौ गेलौ छै। अबै ई दूनू रेल पुलौ के चालू होला सँ उत्तर आरू दक्षिण बिहार के बीच सफर आसान होलौ छै आरू एकरा सँ खास तौर पर उत्तर बिहार के विकास क नया गति मिललौ छै।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि साढ़े आठ दशक पहनै ऐलौ भूकंप नँ मिथिला आरू कोसी क्षेत्र क अलग करी देनै छेलै आरू ई एगो संयोग छेकै कि कोरोना जैसनौ महामारी के बीच मँ दूनू क्षेत्र क जोड़लौ जाय रहलौ छै । हुनी कहलकै कि आय सुपौल-आसनपुर-कूप रेलमार्ग क एकरौ निर्माण मँ शामिल रहलौ प्रवासी मजदूरौ के कड़ा मेहनत कीेवजह सँ देश क समर्पित करलौ गेलौ छै । हुनी कहलकै कि मिथिला आरू कोसी क्षेत्र के लोगौ के समस्या दूर करै लेली सँ ई नयौ कोसी रेललाइन कीेपरिकल्पना 2003 मँ करलौ गेलौ रहै, जबै श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहै आरू श्री नीतीश कुमार जी रेल मंत्री छेलै। हुनी कहलकै कि ई सरकार के समय ई परियोजना मँ तेजी सँ काम होलै आरू आधुनिक तकनीक केरौ इस्तेमाल करी क सुपौल-आसनपुर कुपहा मार्ग केरौ काम पूरा करलौ गेलै।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि आय कोसी महासेतु से होय क सुपौल-आसनपुर के बीच शुरू होय वाला नयौ रेल सेवा सँ सुपौल, अररिया आरू सहरसा जिला के लोग़ो क बहुत ज्यादा फायदा होतै। ई पूर्वोत्तर के लोग़ो लेली भी एक वैकल्पिक रास्ता बनतै। हुनी कहलकै कि इ महासेतु के निर्माण सँ 300 किलोमीटर लंबा सफर खाली 22 किलोमीटर मँ सिमटी गेलौ छै, एकरा सँ सौंसे इलाका मँ व्यापार आरू रोजगार क बढ़ावा मिलतै। हुनी कहलकै कि एकरा सँ बिहार के लोग़ो के समय आरू पैसा दोनों ही बचतै ।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि कोसी महासेतु जैसनौ इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सुविधा के साथ किउल नदी पर एगो नयौ रेलमार्ग बनला सँ इ पूरे रेल मार्ग प ट्रेन 125 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार सँ दौड़ै मँ सक्षम होय जैतै । हुनी कहलकै कि ई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सुविधा के बनला सँ हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेललाइन प ट्रेनौ के आवाजाही मँ भी कमी ऐतै, जेकरा सँ बेवजह देरी सँ राहत मिलतै आरू यात्रा भी सुरक्षित होतै।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि पिछला 6 बरस सँ भारतीय रेलवे क नयौ भारत के आकांक्षा अनुरूप ढालै आरू ‘आत्मनिर्भर भारत’ केरौ अपेक्षा सब क पूरा करै लेली प्रयास करलौ जाय रहलौ छै। हुनी कहलकै कि आय भारतीय रेलवे पहलकरा सँ कहीं जादा साफ-सुथरा छै । हुनी आगे कहलकै कि ब्रॉड गेज रेललाइनौ सँ मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग क हटाय क भारतीय रेलवे क पहलै सँ कहीं जादा सुरक्षित बनैलौ गेलौ छै। हुनी कहलकै कि भारतीय रेलवे के रफ्तार भी बढ़लौ छै। वंदे भारत जैसनौ मेड इन इंडिया ट्रेन सब आत्मनिर्भरता आरू आधुनिकता केरौ एगो प्रतीक छेकै आरू रेल नेटवर्क केरौ हिस्सा बनी रहलौ छै।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि रेलवे मँ आधुनिकीकरण के कोशिश सँ बिहार क काफी फायदा मिली रहलौ छै । पिछला कुछ वर्षो मँ मेक इन इंडिया क बढ़ावा दै वास्तैं मधेपुरा मँ इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (इलेक्ट्रिक रेलइंजन कारखाना) आरू मारहौरा मँ डीजल लोकोमोटिव क बनैलौ गेलौ छै । ई दूनू परियोजना मँ लगभग 44000 करोड़ रुपये के निवेश करलौ गेलौ छै। हुनी कहलकै कि बिहार के लोगो क इ बात के गर्व होतै कि भारत मँ सबसँ शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन- 12000 हॉर्स पावर, बिहार मँ बनै छै। बिहार केरौ पहलौ लोको शेड नँ भी काम करना शुरू करी देलै छै, जहां इलेक्ट्रिक इंजनौ के देखभाल करलौ जाय छै ।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि आय बिहार मँ लगभग 90% रेल नेटवर्क केरौ विद्युतीकरण होय चुकलौ छै। हुनी कहलकै कि बिहार मँ पिछला 6 वर्षो मँ 3000 किलोमीटर सँ अधिक रेलवे केरौ विद्युतीकरण करलौ गेलौ छै। हुनी कहलकै कि बिहार मँ 2014 के पहले के 5 वर्षो मँ लगभग 325 किलोमीटर नया रेललाइन चालू करलौ गेलै, जबकि 2014 के बाद 5 वर्षो मँ बिहार मँ लगभग 700 किलोमीटर नयौ रेल लाइन चालू करलौ गेलै, जे पहलौ के मुकाबले लगभग दोगुना छै । हुनी आगू कहलकै कि अखनी 1000 किलोमीटर नया रेललाइनौ क बनाबै के काम जारी छै।

 

प्रधानमंत्री नँ कहलकै कि हाजीपुर-घोसवार-वैशाली रेललाइन केरौ शुरुआत होला के साथ दिल्ली आरू पटना सोझे रेल सेवा सँ जुड़ी जैतै । ई सेवा सँ वैशाली मँ पर्यटन क काफी बढ़ावा मिलतै आरू नया नौकरी भी पैदा होतै । हुनी कहलकै कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प काम तेज गति सँ चली रहलौ छै आरू ई कॉरिडोर के लगभग 250 किमी हिस्सा बिहार मँ पड़तै । ई परियोजना के पूरा होला के बाद सवारी गाड़ियौ मँ देरी के समस्या कम होय जैतै आरू माल ढुलाई मँ देरी के समस्य भी काफी हद तलक दूर होय जैतै ।

 

प्रधानमंत्री नँ कोरोना संकट के दौरान अथक परिश्रम करै लेली रेलवे के सराहना करलकै। हनी कहलकै कि रेलवे नँ प्रवासी मजदूरौ क रोजगार दै लेली आरू हुनका श्रमिक स्पेशल ट्रेनो के जरिया सँ वापस लानै मँ प्रमुख भूमिका निभैलै छै। हुनी कहलकै कि कोरोना काल मँ बिहार आरू महाराष्ट्र के बीच देश के पहलौ किसान रेल शुरू करलौ गेलौ छै ।

 

इ मौका पर रेल आरू वाणिज्य व उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल नँ कहलकै कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी केरौ मार्गदर्शन मँ कोसी महासेतु केरौ निर्माण कार्य पूरा करलौ गेलौ छै। हुनी कहलकै कि ई महासेतु बिहार केरौ कृषि आरू अर्थव्यवस्था के विकास लेली उत्प्रेरक के काम करतै । मंत्री नँ कहलकै कि भारतीय रेलवे बिहार के विकास मँ योगदान दै लेली प्रतिबद्ध छै।

 

इ अवसर पर बिहार केरौ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार नँ परियोजना क पूरा करै आरू राज्य मँ विकास के दोसरौ पहल करै लेली भारतीय रेलवे के आभार जतैलै छै। सीएम बिहार नँ घोऱ क लौटै वाला बिहार मूल के लोग़ो के मदद करै लेली विपरीत हालात के बावजूद ट्रेन चलाय वास्तें रेलवे क विशेष तौर पर धन्यवाद देलकै। मुख्यमंत्री नँ आग्रह करलकै कि मुंगेर केरौ जमालपुर मँ इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मेकनिकल इंजनियरिंग चलै छेलै जेकरा मँ स्टूडेंट केरौ सेलेक्शन यू.पी.एस.सी. के माध्यम सँ होय रहै, क फेरू सँ चालू करैलौ जाय ।

 

कोसी रेल महासेतु क राष्ट्र लेली समर्पित करलौ जाना बिहार लेली एगो ऐतिहासिक पल छेलै आरू  एकरा सँ पूरा क्षेत्र पूर्वोत्तर सँ जुड़ी रहलौ छै । 1887 मँ निर्मली आरू भपटियाही (सरायगढ़) के बीच एक मीटर गेज लिंक बनलौ छेलै । 1934 मँ भारी बाढ़ आरू इंडो-नेपाल भूकंप मँ तबाह होय गेलौ रहै । एकरौ बाद कोसी नदी के रास्ता बदलै वाला स्वभाव के वजह सँ लंबा समय तलक ई रेल लिंक क दोबारा बनाबै के कोय प्रयास ही नै करलौ गेलै ।

 

भारत सरकार नँ कोसी मेगा ब्रिजलाइन परियोजना क 2003-04 मँ मंजूरी देलै छेलै । कोसी रेल महासेतु 1.9 किलोमीटर लंबा छै आरू एकरौ निर्माण लागत 516 करोड़ रुपये छै । भारत-नेपाल सीमा के साथ बनलौ ई पुल सामरिक महत्व के छै। ई परियोजना क कोविड महामारी के दौरान पूरा करलौ गेलै, जेकरा पूरा करै मँ प्रवासी श्रमिकै सिनी नँ भी योगदान देलकै। ई परियोजना के उद्घाटन इलाका के लोगौ क 86 साल पुराना सपना आरू लंबा इंतजार क पूरा करतै ।

 

महासेतु क समर्पित करै के साथ प्रधानमंत्री नँ सुपौल स्टेशन सँ सुपौल-राघोपुरा डेमू ट्रेन क भी हरा झंडी दिखाय क रवाना करलकै । एक बार नियमित ट्रेन सेवा शुरू होला के बाद ई सुपौल, अररिया आरू सहरसा जिला लेली बहुत फायदेमंद साबित होतै। एकरा सँ इलाका के लोगौ लेली कोलकाता, दिल्ली आरू मुंबई लेली लंबा दूरी के यात्रा आसान होय जैतै ।

 

English Version of the News in Angika Language



Supoul, 18 Sept., 2020. The Prime Minister Shri Narendra Modi dedicated the historic Kosi Rail Mahasetu to the Nation and inaugurated new Rail Lines and Electrification Projects in Bihar for the benefit of passengers through video conference.

Speaking on the occasion, Prime Minister Shri Narendra Modi said a new history has been created in the field of rail connectivity in Bihar. He said projects worth about Rs 3000 crore like inauguration of Kosi Mahasetu and Kiul Bridge, electrification projects, promotion of Make in India in Railways and a dozen of new job creating projects are launched today. These projects will not only strengthen Bihar’s rail network but also strengthen West Bengal and Eastern India’s rail connectivity.

Shri Phagu Chauhan, Governor of Bihar, Shri Nitish Kumar, Chief Minister, Bihar, Central Ministers, Shri Piyush Goyal, Minister of Railways and Commerce & Industry, Shri Ravi Shankar Prasad, Minister of Law and Justice, Communications, Electronics and Information Technology, Shri Giriraj Singh, Minister of Animal Husbandry, Dairying and Fisheries, Shri Nityanand Rai, Minister of State for Home Affairs and Shri Sushil Modi, Dy Chief Minister, Bihar joined the historic occasion.

Apart from Kosi Rail Mahasetu Bridge, the Prime Minister also inaugurated other rail projects related to passenger facilities for the benefit of the Bihar State. These include

• New Electric Locomotive Shed at Barauni

• A new railway bridge on the Kiul River,

• 5 Electrification projects: Muzaffarpur – Sitamarhi, Katihar–New Jalpaiguri, Samastipur-Darbhanga-Jaynagar, Samastipur-Khagaria, Bhagalpur- Shivnarayanpur Sections.

• Karnauti- Bakhtiyarpur link bypass and 3rd line between Barh-Bakhiyarpur

• New bridge on River Kiul and Electric Interlocking

The Prime Minister congratulated the people of Bihar for the new and modern facilities which would benefit the railway passengers of Eastern India including Bihar. He said many parts of Bihar are cut off from each other due to many rivers crisscrossing the state and people have to perform long journeys due to this. He said four years ago, construction of two Mahasetu was started in Patna and in Munger, to solve this problem. Now due to the commissioning of these two rail bridges, the travel between North and South Bihar has eased and this has initiated a new momentum for development especially in North Bihar.

The Prime Minister said a severe earthquake which occurred eight and a half decades ago isolated the Mithila and Kosi region and it is a coincidence that both the regions are being interlinked in the midst of a pandemic like Corona. He added that today the Supaul-Asanpur- Kupha rail route is dedicated to the nation due to the hard work of the migrant labourers who were also involved in the construction of the bridge. He said this new Kosi rail line was envisaged in 2003 when Shri Atal Bihari Vajpayee was the Prime Minister and Shri Nitish Kumar was the Railway Minister, to overcome the problems of the people of Mithila and Kosi region. He said this project was fast paced during the present Government and work has been completed on Supaul-Asanpur Kupaha route using modern technology.

The Prime Minister said today a new rail service commencing between Supaul-Asanpur via Kosi Mahasetu will greatly benefit the people of Supaul, Araria and Saharsa districts. This would also make an alternative rail route to the people of the North East. He said with this Mahasetu the journey of 300 km is reduced to 22 km and will also promote business and employment in this entire region. He said this would save both time and money of the people of Bihar.

The Prime Minister said like Kosi Mahasetu, a new rail route on Kiul River with the electronic interlocking facility trains will be able to run at the speed of 125 kilometers per hour on this entire route. He added electronic interlocking will ease the movement of trains on the main line from Howrah-Delhi and will provide relief to unnecessary delays and travel would be safer.

The Prime Minister said for the past 6 years, efforts are being made to shape the Indian Railways as per the aspirations of a new India and fulfill the expectations of a ‘AtmaNirbhar Bharat’. He said today Indian Railways is cleaner than ever before. He added Indian Railways have been made safer than ever by eliminating unmanned rail crossings from the broad gauge rail lines. He said the speed of Indian Railways has increased. Made in India trains like Vande Bharat are a symbol of self-reliance and modernity and are becoming part of the rail network.
News in Angika | प्रधानमंत्री नँ ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु क राष्ट्र क समर्पित करलकै | Angika.com


The Prime Minister said Bihar is reaping huge benefits due to the modernization efforts in railways. In the last few years, to promote Make in India, Electric loco factory has been set up in Madhepura and Diesel loco factory in Marhaura. In both these projects, almost Rs 44000 crore have been invested. He said people of Bihar would be proud that the most powerful electric locomotive in India - 12000 horsepower locomotive is manufactured in Bihar. Bihar's first loco shed has also started functioning which would maintain electric locomotives.

The Prime Minister said today almost 90% of the rail network in Bihar has been electrified. He added that in Bihar over the period of last 6 years, more than 3000 kilometers of railways have been electrified. He said only about 325 km of new rail lines were commissioned in Bihar in the 5 years before 2014 whereas about 700 km of new rail lines were commissioned in Bihar in the 5 years after 2014 which is almost double the distance constructed earlier. He added another 1000 km of new rail lines are under construction.

The Prime Minister said with the introduction of Hajipur - Ghoswar - Vaishali rail line, Delhi and Patna will be connected by direct rail service. This service will give a lot of boost to tourism in Vaishali and new jobs will be created. He said work on dedicated freight corridors is going at a faster pace and about 250 km length of the corridor would fall in Bihar. After this completion of this project, the problem of delay in passenger trains will be reduced and the delay in the movement of goods will also be greatly reduced.

The Prime Minister lauded the railways for working tirelessly during the crisis of Corona. He said Railways played a prominent role in providing employment to migrant labourers and also bringing them back through Shramik Special Trains. He said the country's first Kisan rail was introduced between Bihar and Maharashtra during the Corona period.

Speaking on the occasion, Minister of Railways and Commerce & Industry Shri Piyush Goyal said that Completion of Kosi Mahasetu has been achieved under the guidance of Prime Minister Shri Narendra Modi . He said that Maha setu will act as catalyst to the growth of agriculture and economy of Bihar.

The Minister said that Indian Railways is determined to contribute to the growth of Bihar.

Speaking on the occasion, CM Bihar, Shri Nitish Kumar thanked Indian Railways for completion of project and taking up other development of initiatives in the state. CM Bihar especially thanked Railways for helping the natives of Bihar in coming back to their homes through running of trains for them in adverse circumstances. The Chief Minister requested that the Indian Institute of Mechanical Engineering in Munger, Jamalpur, in which student selection was done through UPSC, should be revived.

The dedication of the Kosi Rail Mahasetu is a watershed moment in the history of Bihar and the entire region connecting to the North East. In 1887, a meter gauge link was built in between Nirmali and Bhaptiahi (Saraigarh). During the heavy flood and severe Indo Nepal earthquake in 1934, the rail link was washed away and thereafter due to meandering nature of river Kosi no attempt was made to restore this Rail link for long period.

The Kosi Mega Bridge line project was sanctioned by Government of India during 2003-04. The Kosi Rail Mahasetu is 1.9 KM long and its construction cost is Rs. 516 Crore. This bridge is of strategic importance along the India-Nepal border. The project was completed during the COVID-Pandemic where the migrant labour also participated in its completion.


The dedication of this project will fulfil the 86 year old dream and the long wait of the people of the region.

Along with the dedication of the Mahasetu, the Prime Minister also flagged off the Supaul- Raghopura DEMU train from the Supaul Station. Once the regular train service begins, this would prove to be highly beneficial to the Supaul, Arariya and Saharsa districts. It would also make it easy for long distance travel to Kolkata, Delhi and Mumbai for the people of the region.

 

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