Angika.com | अंग प्रदेश राज्य गठित करी क अंगिका भाषा, अंग संस्कृति के संरक्षण, अंगक्षेत्र के सम्यक विकास सुनिश्चित करलौ जाय - कुंदन अमिताभ | News in Angika
मुंबई, 4 सितंबर,2020 । भारत सरकार सँ माँग करलौ गेलौ छै कि अलग "अंग प्रदेश" राज्य गठित करी क अंगिका भाषा आरू अंग संस्कृति के संरक्षण व विकास सहित अंगक्षेत्र के सम्यक विकास सुनिश्चित करलौ जाय ।
अंग-अंगिका विकास मंच केरौ राष्ट्रीय महासचिव व अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच केरौ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कुंदन अमिताभ नँ भारत केरौ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, झारखंड केरौ मुख्य मंत्री, बिहार केरौ मुख्य मंत्री, पं. बंगाल केरौ मुख्य मंत्री, भारत सरकार केरौ राष्ट्रपति कार्यालय, भारत सरकार केरौ प्रधान मंत्री कार्यालय आरनि क ट्वीट करी क "अंग प्रदेश" राज्य गठित करै के माँग करनै छै ।
श्री कुंदन अमिताभ नँ अंगिका भाषा भाषी क्षेत्र, जेकरा मँ झारखंड, बिहार आरू पं. बंगाल केरौ कम सँ कम 26 जिला शामिल छै, केरौ नक्शा जोड़तें हुअय माँग करनै छै कि एगो अलग "अंग प्रदेश" राज्य गठित करलौ जाय जेकरा सँ कि अंगिका भाषा, अंग संस्कृति के संरक्षण, विकास सुनिश्चित करलौ जाबै सकय ।
श्री अमिताभ नँ भारत केरौ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, आरू बिहार,झारखंड,पं.बंगाल केरौ मुख्यमंत्री क लिखलो ट्वीट मँ ई तथ्य क रेखांकित करलै छै कि अखनी तलक अंगिका भाषा आरू अंग संस्कृति क खाली छललो गेलौ छै ।
श्री अमिताभ के मानना छै कि आजादी के 72 साल बाद भी भारत सरकार आरू राज्य सरकारें अंग क्षेत्र क भौतिक, भाषिक व सांस्कृतिक विकास के दृष्टि सँ उपेक्षित ही रखनै छै ।
श्री अमिताभ के अनुसार अंग क्षेत्र मँ नै ढंग के कोनो मेडिकल कॉलेज या हॉस्पिटल छै नै कोनो आधुनिक चिकित्सा सुविधा केंद्र । नै कोनो आई.आई.टी. जैसनौ इंजीनियरिंग संस्थान छै नै कोनो इंजीनियरिंग आधारित उद्योग । नै त कोनो टीवी स्टेशन छै नै ही कोनो ढंग के रेडियो स्टेशन तंत्र या लोक मनोरंजन केरौ केंद्र। नै त कोनो अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट छै नै कोनो आरू परिवहन व आवागमन के बेहतर साधन । नै बुतरू सब के शिक्षा लेली सर्वत्र ढंग के इसकूल छै नै ही कोनो खेल कूद क बढ़ावा दै लेली अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम । कला व संस्कृति क बढ़ावा दै लेली भी अंतर्राष्ट्रीय कोटि के कोय आधारभूत संरचना उपलब्ध नै छै ।
मानव व प्रकृतिक संसाधन के कुप्रबंधन चलतें नियमित रोजगार के साधन के अभाव छै । पढ़ी लिखी क भी अंग क्षेत्र के जनता बेरोजगारी व पलायन के दंश झेलै ल मजबूर छै । गंगा नदी अंग देश के बीचों-बीच बहै छै लेकिन खरीफ फसल तक मानसून के झरिया प ही निरभर रहै छै । सिंचाई के कोय समग्र साधन नै छै । जल संसाधन के प्रबंधन निम्नतर स्तर के छै । बूहो सँ बहियार त बहियार, गाँव के गाँव तलक हर साल भाँसी जाय छै ।
श्री अमिताभ के अनुसार चाहे वू जीवन केरौ मूलभूत सुविधा के साधन मुहैय्या उपलब्ध कराबै के बात हुअय या भाषा आरू संस्कृति केरौ रक्षा के बात हुअय, हर जगह अंग क्षेत्र सथें अन्याय होलौ छै । आजाद देश केरौ सरकारें अंग देश सथें हमेशा छल करतें रहलौ छै । भारत केरौ प्रधानमंत्री तलक वोट माँगै घड़ियाँ अंगिका बोली-बोली क अंगिका भाषा भाषी केरौ गोर परै छै । मतरकि गद्दी प बैठथैं ओकरा लेली अंग-अंगिका के संरक्षण आरू विकास के प्राथमिकता सबसें पीछू चल्लौ जाय छै।
श्री अमिताभ के कहना छै कि भाषा वस्तुतः संस्कृति केरौ संवाहक होय छै । आपनौ देश केरौ गोदी मँ पली-बढ़ी रहलौ हर संस्कृति के रक्षा करना आरू ओकरा फलै-फूलै के माहौल उपलब्ध कराना भारत ऐसनौ आजाद देश के सरकार के नैतिक कर्तव्य छेकै । फेरू अंग संस्कृति त प्राचीन भारत केरौ गौरवमयी महाजनपदीय संस्कृति केरौ अहम हिस्सा रहलौ छै । अंगिका भाषी द्वारा बार-बार धियान दिलैला के बावजूद एकरौ संरक्षण व विकास के प्रति अखनी तलक के हर सरकार केरौ निष्क्रिय रवैय्या असहनीय छै ।
श्री अमिताभ के कहना छै कि हुनका एकरा मँ कोय आपत्ति नै छै कि देश केरौ चंद हजार लोगौ के भाषा सब क संविधान केरौ 8मो अनुसूची मँ डाली देलौ गेलौ छै । कैन्हेकि समुदाय केतना भी छोटो हुअय ओकरो भाषा भारतीय संस्कृति केरौ एगो अहम हिस्सा छेकै । एकरा मँ भी कोय आपत्ति नै छै कि संस्कृति के रक्षा लेली सब नियम क ताखा प रखी क कश्मीरी, डोगरी, मैथिली ऐसनौ भाषा राज्य केरौ राजभाषा बनला के दशकों / बरसों पहनै सँ संविधान के 8मों अनुसूची मँ शामिल छै।
अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच केरौ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमिताभ के अनुसार हुनका आपत्ति तबै होय छै जबै करोड़ों के भाषा अंगिका क 8मों अनुसूची मँ शामिल करै सँ वंचित करी देलो जाय छै । हुनका आपत्ति तबै होय छै जबै अंगिका सँ छल करी क एक साजिश के तहत मूलतः नेपाल केरौ मिथिला क्षेत्र के भाषा मैथिली आरू नेपाली क संविधान केरौ 8मो अनुसूची मँ डाललौ जाय छै । आरू अंगिका जैसनौ भाषा जे कि संविधान के 8मो अनुसूची मँ सूचीबद्ध होय लेली अब तलक अपनैलौ हर मापदंड क पूरा करै छै, क आपनौ वाजिब हक आरू अधिकार सँ वंचित राखी क आजाद भारत केरौ अंग प्रदेश के जनता क गुलामी के अहसास दिलैतैं रहलौ जाय छै । जबकि सरकार भी मानै छै कि 8मो अनुसूची मँ भाषा क शामिल करै लेली अखनी कोय मापदंड ही नै छै ।
अंग-अंगिका विकास मंच केरौ राष्ट्रीय महासचिव श्री कुंदन अमिताभ के कहना छै कि देश क आजादी ही ई लेली मिललौ छेलै कि यहाँकरौ भाषा आरू संस्कृति के संरक्षण व विकास भारत सरकार केरौ पहलौ प्राथमिकता होतै । साफ छै अखनी तलक अंगिका भाषा व अंग संस्कृति क छलै के काम करतें रहलौ गेलौ छै । भारत सरकार आरू बिहार, बंगाल व झारखंड सरकार अंग संस्कृति आरू अंगिका भाषा क उचित संरक्षण व विकास के माहौल प्रदान कराबै मँ असफल रहलौ छै । ई लेली भारत सरकार आरू बिहार, बंगाल व झारखंड सरकार सँ माँग करलौ जाय छै कि एक अलग "अंग प्रदेश" राज्य केरौ गठन करी क यहाँकरौ भाषा आरू संस्कृति के संरक्षण आरू विकास के माहौल प्रदान करै के साथ-साथ अंग-क्षेत्र के जनता लेली मूलभूत संरचना के सम्यक विकास सुनिश्चत करलौ जाय़ ।
श्री अमिताभ नँ आशा व्यक्त करलै छै कि भारत सरकार प्राचीन भारत केरौ गौरवशाली महाजनपदीय संस्कृति केरौ रक्षा लेली नया अंग-प्रदेश राज्य स्थापित करै के फैसला जल्दी सँ जल्दी लेतै आरू अंगिका भाषा क भी 8मो अनुसूची मँ जल्दी सँ जल्दी शामिल करतै।
अंग क्षेत्र सहित देश केरौ हर कोना मँ रही रहलौ अंगिका भाषी सिनी नँ ई माँग के पुरजोर स्वागत करलै छै आरू आशा जतैलै छै कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नया अंग-प्रदेश राज्य यथाशीघ्र सृजित करलौ जैतै ।
English Version of News in Angika Language
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Demand to constitute "Ang Pradesh" state to ensure conservation and development of Angika language and Ang culture and proper development of Ang region - Kundan Amitabh
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The Government of India has been demanded that the conservation and development of Angika language and Ang culture and Proper Development of Ang region be ensured by creating a separate "Ang Pradesh" state.
National Secretary General of Anga-Angika Vikas Manch and National Vice President of All India Angika Sahitya Kala Manch, Mr. Kundan Amitabh, has tweeted "President, Vice President, Prime Minister, Home Minister, Chief Minister of Jharkhand, Chief Minister of Bihar, Chief Minister of West Bengal and others, to form a new "Ang Pradesh" state.
Mr. Kundan Amitabh, while enclosing a map of Angika language speaking area, which includes at least 26 districts of Jharkhand, Bihar and West Bengal, demanded that a separate "Anga Pradesh" state be formed, so that Conservation and development of Angika language and Anga culture and proper development of Anga Region can be ensured.
In a tweet to the President of India, the Vice-President, the Prime Minister, the Home Minister, and the Chief Ministers of Bihar, Jharkhand,West Bengal, Mr. Amitabh has underlined the fact that Angika language and Anga culture have only been severely neglected so far.
Mr. Amitabh believes that even after 72 years of Independence, the Government of India and the State Governments have neglected the Ang Region in terms of its physical, linguistic and cultural development.
According to Mr. Amitabh, here in Ang Pradesh region, there is neither a medical college and a hospital of better kind, nor any modern medical / health facility.There is neither an IIT nor any engineering based industry. There is neither a TV center of any good kind, nor any good kind of radio station or public entertainment center. There is neither an international airport nor any better means of transport. There is not even a proper education center for good education for all children in Anga region. There is also a lack of an international level stadium to promote sports. There is no international level infrastructure available to promote arts and culture here.
According to him, due to mismanagement of human and natural resources, there is severe lack of means of regular employment. Despite being educated, the people of Ang region are forced to bear the brunt of unemployment and migration. The river Ganges flows through the countryside, but the fate of Kharif crop production depends on the Monsoon rains. There is no overall means and facility for irrigation. The management of water resources is of lowest level. Every year floods cause devastation by submerging from farms to villages.
Mr. Amitabh states whether it is an issue of providing basic amenities for life or protecting the Angika language and Anga culture, injustice has been done to the Anga region everywhere.The governments of independent country have always been deceitful with Anga Pradesh. Even the Prime Minister of India, while asking for votes, emotionally lures the innocent Angika speaking people by delivering initial few sentences of speech in to Angika. But as soon as he sits on the throne, the priority of conservation and development of Anga - Angika goes backward.
Mr. Amitabh says that languages are virtually the driving force of the culture. It is the moral duty of the government of an independent country like India to protect every culture that is growing in the dock of the country and provide them a flourishing environment. The 'Anga' culture has been an important part of the glorious Mahajanapada culture of ancient India. Angika-speaking people have repeatedly brought the governments attention towards this. Despite this, the negative and passive attitude of all governments towards its protection and development is unbearable.
Mr. Amitabh says that he has no objection that the languages of a few thousand people of the country have also been included in the 8th Schedule of the Constitution. Because no matter how small the community, their language is an important part of Indian culture. He also has no objection that for the preservation of culture, bypassing all the rules, languages like Kashmiri, Dogri, Maithili would be included in the Eighth Schedule of the Constitution decades / years before it became the official language of the state.
According to Mr. Amitabh, the National Vice President of All India Angika Sahitya Kala Manch, he has objections when Angika, the language of crores of countrymen, is denied for the inclusion in the 8th schedule of the constitution. According to him, his objection comes when Maithili and Nepali, originally the language of Nepal's Mithila region, are put in the VIII Schedule of the Constitution under a conspiracy to root out Angika. Whereas Angika language which fulfills every criterion adopted so far for being listed in the Eighth Schedule of the Constitution, is deprived of its rightful rights, making the Angika speaking people of Anga region feel slavery . While the government also believes that they do not yet have any criteria for the inclusion of any language in the Eighth Schedule of the Constitution.
Mr. Amitabh says that the country got independence only because the preservation and development of the languages and cultures here would be the first priority of the Government of India. It is clear that till now the work has been done to deceive Angika language and Ang culture. The Government of India and the governments of Bihar, Bengal and Jharkhand have failed to provide an environment of proper protection and development to Anga culture and Angika language. Therefore, the Government of India and the Government of Bihar, West Bengal and Jharkhand are demanded that a separate "Ang Territory" state be formed. So that Angika language and Anga culture can be conserved and flourished properly, and establishment and improvement of basic infrastructures to improve the living standard of the people of the Anga region can be ensured.
Mr. Amitabh has expressed the hope that the Government of India will take a decision to establish a new 'Anga Pradesh' state to protect the glorious Mahajanapada culture of ancient India as soon as possible and include Angika language in the Eighth Schedule of the Constitution at the earliest.
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