खेलौना सुधारतै देश के आर्थिक सेहत ! | Angika Samvad | Kundan Amitabh
कोरोना संक्रमण काल केरौ निराशाजनक दौर मँ कुछ भल्लौ आरू सकारात्मक गतिविधि भी होय रहलौ छै जे भारत क आर्थिक रूप सँ मजगूत बनाबै मँ कारगर साबित हुअय सकै छै । जेकरा मँ शामिल छै - भारतीय खेलौना केरौ विनिर्माण आरू एकरो वैश्विक पहचान क बढ़ावा दै के तरीका प विचार-विमर्श लेली वरिष्ठ मंत्रियो आरू अधिकारियो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरौ अध्यक्षता मँ शनिवार क करलौ गेलौ बैठक आरू एकरा मँ लेलौ गेलौ निर्णय ।
बैठक मँ लेलो गेलौ निर्णय मँ कहलौ गेलौ छै कि तेजी सँ बढ़तें जाय रहलौ डिजिटल खेल क्षेत्र मँ भारत क अपनौ सामर्थ्य केरौ दोहन करना चाहिय्यौ । साथ ही भारतीय संस्कृति आरू लोक कथा सब सँ प्रेरित खेलो के विकास करी क भारत क अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल खेल क्षेत्र केरौ नेतृत्व करना चाहिय्यौ।
कोरोना चलतें खराब होलो जाय रहलो आर्थिक हालत के अलावे चीन के साथ वर्तमान मँ चली रहलौ तनावपूर्ण संबंधो के परिप्रेक्ष्य मँ ई तरह के विचार-विमर्श करी क कोनो महत्वपूर्ण निर्णय प पहुँचना वास्तविकता के जमीन क हासिल करै के पहलौ डेग हुअय सकै छै । जबै तलक एकरा ठोस तरीका सँ अमल मँ नै लानलौ जैतै तबय तलक लोगो के दिल मँ विकास क ल क विश्वास के माहौल बनाना बहुत मोसकिल छै । साथ ही मोसकिल छै योजना केरौ नतीजा पाना भी । कैन्हेकि पिछला 6-7 साल के कार्यकाल मँ 'मेक इन इंडिया, 'स्मार्ट सिटी' सँ ल करी क 'भोकल फॉर लोकल' जैसनो प्रक्रम खाली नारा ही बनी क रही गेलौ छै । ऐसनौ मँ डर छै कि ई महत्वाकांक्षी अवधारणा भी कहीं नारा के हिस्सा ही बनी क नै रही जाय ।
एकरा मँ कोय शक नै छै कि भारत ऐसनौ कई खेलौना समूह आरू हजारों खेलौना कारीगरो के घर छेकै, जे नै खाली स्वदेशी खेलौना सब के निर्माण करै छै आरू सांस्कृतिक जुड़ाव रखै छै, बल्कि कम उमर मँ बुतरू सनी के बीच जीवन-कौशल आरू मनो-कौशल के निर्माण मँ भी सहायता करै छै । एकरा मँ कोय शक नै छै कि ऐसनो प्रकार के समूहो क नया-नया रचनात्मक तरीका सँ बढ़ावा मिलना चाहिय्यौ।
गौर करला प ई भी पता चलै छै कि भारतीय खेलौना बाजार मँ बहुत सामर्थ्य छै आरू ई आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत 'वोकल फोर लोकल' क बढ़ावा द क उद्योग क्षेत्र मँ एक संरचनात्मक परिवर्तन लानै के कुवत रखै छै । प्रधानमंत्री के नजरिया भी एकदम साफ छै जबै हुनी कहै छै कि प्रौद्योगिकी आरू नवाचार के उपयोग व वैश्विक मानक क पूरा करै वाला गुणवत्ता युक्त उत्पादो के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करलो जाना चाहिय्यौ।
ई मामला मँ प्रधानमंत्री के विचार सुनै मँ त बहुत अच्छा लगै छै, जबे हुनी कहै छै कि बच्चा सिनी के दिमाग क विकसित करै मँ खेलौना के महत्व क समझतें हुअय एकरा भारतीय संस्कृति आरू लोकाचार सँ जुड़लौ खिलौना क बच्चा सिनी के सर्वागींण आरू शैक्षणिक विकास के साधन के रूप मँ उपयोग करलो जाना चाहिय्यौ। आरू ई भी कि युवा सिनी क खिलौना केरौ अभिनव डिजाइनो के निर्माण मँ शामिल करलो जाना चाहिय्यौ जे हुनका मँ राष्ट्रीय लक्ष्य आरू उपलब्धियो के प्रति गर्व के भावना उत्पन्न करै सकै छै । खेलौना ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के भावना क आगू बढ़ाबै के एगो उत्कृष्ट माध्यम हुअय सकै छै । खेलौना भारत केरौ मूल्य प्रणाली आरू सांस्कृतिक रूप सँ स्थापित पर्यावरण केरौ अनुकूल दृष्टिकोण क दरसाबै छै । हुनी भारत केरौ संस्कृति क बढ़ावा दै लेली पर्यटन क एगो साधन के तौर प उपयोग करै के सुझाव देलै छै, खासतौर वू सब क्षेत्रो मँ जे दस्तकारी वाला खिलौना लेली प्रसिद्ध छै। भारतीय लोकाचार आरू मूल्य क प्रतिबिंबित करै लेली ऑनलाइन गेम सहित खेलौना प्रौद्योगिकी आरू डिजाइन मँ नया खोज लेली युवा आरू छात्र सब लेली हैकथॉन के आयोजन करै के भी आवश्यकता छै ।
प्रधानमंत्री केरौ कहलौ गेलौ बात व विचार तबै आरू अच्छा लगतै जों सचमुच मँ खेलौना क देश के आर्थिक सेहत सुधारै केरौ एगो महत्वपू्र्ण औजार के रूप मँ इस्तेमाल करलौ जैतै ।
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