Angika.com | अटल सुरंग बनी क तैयार, सुरंग नीचें बनी रहलौ छै आरू सुरंग | News in Angika
नई दिल्ली, 28 अगस्त, 2020। रोहतांग मँ 13,050 फीट के ऊँचाई प करीब 8.80 कि.मी लंबा सड़क सुरंग बनी क लगभग तैयार होय गेलो छै । एकरा अटल बिहारी बाजपेयी के नाँव प अटल टनल के नाँव देलो गेलौ छै । ई दुनिया केरौ सबसें लंबा रोड सुरंग छेकै । एगो अनुमान के हिसाब सँ 'अटल सुरंग' केरौ उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ई साल सितंबर के अंत तलक करतै ।
पीर पंजाल केरो पहाड़ी क काटी क बनैलौ गेलो ई सुरंग के कारण लेह आरू मनाली के बीच 46 किमी के दूरी कम होय गेलो छै । मनाली वैली सँ लाहौल आरू स्पीति वैली तलक पहुंचै मँ करीब 5 घंटा के समय चाहिय्यौ, अबै ई करीब 10 मिनट मँ पूरा होय जैतै ।
मनाली लेह राजमार्ग पर रोहतांग दर्रा के नीचें बनैलौ जाय रहलौ ई सुरंग घोड़ा के नाल के आकार के छै । ई दुनिया के सबसँ ऊच्चौ आरू सबसँ लंबा रोड टनल छेकै । ई करीब 8.8 किलोमीटर लंबा छै आरू 10 मीटर चौड़ा छै ।
सुरंग के अंदर कोय भी वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा के रफ्तार सँ चलै सकतै । ई रोड क बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) नँ बनैलै छै । ई टनल ई तरीका सँ बनैलो गेलो छै कि एकरा अंदर सँ एक बार मँ 3000 कार या 1500 ट्रक एक साथ टप्पै सकै छै । एकरा बनाबै मँ करीब 4 हजार करोड़ रुपया के लागत ऐलौ छै । सुरंग के अंदर अत्याधुनिक ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड के उपयोग करलौ गेलौ छै । वेंटिलेशन सिस्टम भी ऑस्ट्रेलियाई तकनीक प आधारित छै ।
चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच ई सुरंग के तैयार होय जाना काफी महत्वपूर्ण छै। अबै लद्दाख मँ तैनात सैनिकौ सँ बेहतर संपर्क बनलौ रहतै । हुनका हथियार आऱू रसद कम समय मँ पहुंचैलौ जाबै सकै छै । आपात परिस्थिति लेली ई सुरंग के नीचाँ भी एगो आरू सुरंग के निर्माण करलौ जाय रहलौ छै । कोय भी अप्रिय स्थिति सँ निबटै लेली ऐसनो व्यवस्था करलौ जाय रहलौ छै जेकरा सँ विशेष परिस्थितियो मँ ई आपातकालीन निकास के काम करय सकै।
1860 मँ पहलौ बार मोरावियन मिशन नँ रोहतांग दर्रा सँ होतें हुअय लाहौल तलक पहुँचै लेली एगो सुरंग के संभावना के बारे मँ बात करलै छेलै। लगभग 139 वर्षो के बाद जबै अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनलै त हुनी रोहतांग सुरंग क बनाबै लेली जोर देलकै ।
3 जून 2000 क तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई नँ घोषणा करलकै कि रोहतांग सुरंग के निर्माण करलौ जैतै। रोहतांग दर्रे मँ सुरंग निर्माण लेली Feasibility Report ( व्यवहारिकता के अध्ययन) RITES द्धारा तैयार करलौ गेलौ छेलै।
ई परियोजना पर वर्ष 2000 मँ 500 करोड़ के लागत आबै के सम्भावना छेलै आरू परियोजना सात वर्षो मँ पूरा होय जाय के अनुमान छेलै। 6 मई 2002 क सीमा सड़क संगठन क सुरंग निर्माण के काम सौंपलौ गेलौ छेलै। हालाँकि, काम बहुत तेजी सँ आगू नै बढ़ै पारलै आरू मई 2003 तलक परियोजना गाछ के कटाई तलक ही सीमित रहलै । दिसंबर 2004 मँ परियोजना लागत के अनुमान 1700 करोड़ तलक बढ़ी गेलौ छेलै । रोहतांग सुरंग केरौ ड्रिलिंग 28 जून 2010 क मनाली के उत्तर मँ दक्षिण पोर्टल 30 किमी पर शुरू करलौ गेलौ छेलै।
फोटो स्त्रोत - BRO
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