Angika.com | मातृभाषा सगठे व्यापक रूप सँ उपयोग करलौ जाना चाहिय्यौ - उपराष्ट्रपति | News in Angika
नई दिल्ली, 29 अगस्त, 2020 । उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु नँ आय कहलकै कि प्रशासन सहित सगठे स्थानीय भाषा या मातृभाषा केरौ व्यापक रूप सँ उपयोग करलौ जाना चाहिय्यौ। हुनी जोर द क कहलै छै कि मातृभाषा मँ शिक्षा प्रदान करला सँ बुतरू सिनी कोय भी अन्य भाषा के तुलना मँ विषयो क बेहतर तरीका सँ समझै मँ सक्षम होतै।
श्री नायडु नँ जोर दै क कहलकै कि भाषा आरू संस्कृति एगो सभ्यता के विकास के नींव डालै छै।
तेलुगु भाषा क संरक्षित आरू सुरक्षित करै के आवश्यकता पर जोर देतें हुनी कहलकै कि सब्भे तेलुगुवासी, चाहे वू भारत मँ रहतैं हुअय या विदेशौ मँ, क आपनौ भाषा आऱू संस्कृति के संवर्धन लेली अवश्य प्रयास करना चाहिय्यौ।
उपराष्ट्रपति नँ तेलुगु भाषा मँ सरल वैज्ञानिक शब्दावली के विकास के भी अपील करलकै आरू कहलकै कि ई सामान्य लोगौ क विज्ञान आरू प्रौद्योगिकी केरौ बेहतर समझ बढ़ाबै मँ सहायता करतै।
उपराष्ट्रपति
नँ कहलकै कि रोजमर्रा केरौ जीवन मँ तेलुगु आरू अन्य भारतीय भाषा सिनी के उपयोग
मँ करलौ गेलौ प्रगति के एक संपूर्ण समीक्षा आरू अंतःनिरीक्षण करलौ जाना चाहिय्यौ। हुनी कहलकै कि भाषा कोय भी सभ्यता के समृद्धि के प्रतीक होय छै । भाषा
व्यापक रूप सँ समाज मँ खेल, भाषा, उत्सव आरू कला सिनी के महत्व के भी द्योतक होय छै ।
श्री नायडु नँ कहलकै कि कोनो भाषा के गौरवशाली विरासत आरू समृद्धि के सुरक्षा आरू संरक्षण एकरा खाली आबै वाला पीढ़ियो क आगू बढ़ाबै के जरिया सँ करलौ जाबै सकै छै ।
ई देखतें हुअय कि दुनिया भर मँ बहुत्ते स्वदेशी भाषा भूमंडलीकरण केरौ युग मँ हाशिया प चल्लौ जाय के संकट के सामना करी रहलौ छै, हुनी सावधान करलकै कि जों यहै रुझान जारी रहलै त बहुत भाषा विलुप्त होय जैतै ।
उपराष्ट्रपति नँ कहलकै कि फ्रांस, जर्मनी, रूस, जापान आरू चीन जैसनौ देश प्रभावी रूप सँ विकसित देशो के साथ प्रतिस्पर्धा करै मँ सक्षम रहलै जबकि हुनी सिनी सब्भे क्षेत्रौ मँ अपनौ मूल भाषा के वर्चस्व
बनैलै राखलकै ।
श्री गिडुगु वेंकट राम मूर्ति क भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करतें हुनी हुनका बहुभाषाविद, इतिहासकार आरू एगो सामाजिक दूरदृष्टा बतैलकै जिनी तेलुगु भाषा क सरल बनाबै आरू एकरा साधारण लोगौ लेली अधिक समझ योग्य बनाबै लेली कोशिश करलकै । हुनको अनथक प्रयासो के कारण ही ई भाषा कलै-कलै आम लोगौ मँ प्रचलित भेलै।
इस वर्चुअल समारोह मँ भाग लै वाला मँ तेलंगाना विधान सभा के विधायक डॉ. सी. एच. रमेश, तेलंगाना जागृति केरौ अध्यक्षा श्रीमती कविता कालवकुंतला, एसएटीसी के अध्यक्ष श्री विक्रम पेटलुरू आरू जर्मनी आधारित वैज्ञानिक श्री गणेश टोटेमपुडी शामिल रहै।
ई बीच अंगिका भाषा केरौ साहित्यकार आरू अंग-अंगिका विकास मंच केरौ महासचिव नँ उपराष्ट्रपति क ट्वीट करी क बिहार, झारखंड, बंगाल केरौ 26 जिला के 6 करोड़ जनता के अंगिका भाषा क संविधान केरौ 8मो अनुसूची मँ तुरंत डालै के माँग करलै छै । हुनी भारत केरौ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आरनि सँ भी ई लेली आग्रह करनै छै ।
English Version of the News in Angika :
Vice President calls for extensive use of mother tongue in various fields
New Delhi, 29 Aug,2020. The Vice President, Shri M Venkaiah Naidu today said the native languages or mother tongues should be used extensively in various fields including administration. He stressed that imparting education in mother tongue will enable a child to grasp and understand the subjects better than in any other language.
He was addressing a webinar on “Our Language, Our Society and Our Culture” on the occasion of Telugu Language day. The event was organized by South Africa Telugu Community (SATC). Telugu language experts and members of Telugu associations from all over the world, including London, Sydney, Canberra, Abu Dhabi, Scotland, Hong Kong, South Africa, New Zealand and Germany participated in the video conference.
The event was organized to coincide with the Birth Anniversary of Sri Gidugu Venkata Rama Murthy, a Telugu linguist and pioneer in promotion of the language.
Shri Naidu asserted that language and culture lay the foundation for the development of the society.
Stressing the need to preserve and protect Telugu language, he said that all Telugus irrespective of whether they are living in India or abroad must strive for the promotion of their language and culture.
The Vice President also called for developing simple scientific terminology in Telugu language saying it will help the common people to have a better understanding of science and technology.
The Vice President said there should be a thorough review and introspection of the progress made in using Telugu and other Indian languages in day-to-day life. He said that a language symbolizes the richness of one’s civilization. The language also denotes the importance of games, languages, festivals and arts in society at large.
Shri Naidu said the glorious heritage and richness of a language can be protected and preserved only by passing it to the coming generations.
Observing that many native languages across the world were facing the risk of marginalisation in the era of globalisation, he cautioned that they would become extinct if the trend continued. The Vice President pointed out that countries like France, Germany, Russia, Japan and China were able to effectively compete with other developed nations although they accorded predominance to their native languages in all fields.
Paying rich tributes to Sri Gidugu Venkata Rama Murthy, he described him as a multi-linguist, historian and a social visionary, who strove to simplify Telugu language and make it more comprehensible to the common man. Because of his untiring efforts, the language has percolated to the masses.
Protecting and promoting Telugu language will be real tribute to Sri Gidugu Venkata Rama Murthy, the Vice President added.
Dr Ch. Ramesh, MLA, Telangana Legislative Assembly; Smt. Kavitha Kalvakuntla, President of Telangana Jagrithi; Sri Vikram Petluru, Chairman SATC and Sri Ganesh Totempudi, Germany-based scientist were among those who participated in the virtual event.
Meanwhile Kundan Amitabh, noted Angika language litterateur and the General Secreatry of Ang-Angika Development Forum has urged Vice President to include Angika language in to the 8th Schedule of Indian Constitution immediately. He has requested to President , Prime Minister of India and CMs of Bihar, Jharkhand and West Bengal as well for the same.
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