अंगरथी साहित्य समूह नँ ऑनलाइन अंगिका काव्य गोष्ठी के आयोजन करी क दिवंगत कैलाश झा किंकर जी क देलकै श्रद्धांजलि | News in Angika
अंगरथी (ऑनलाईन),दिनांक 24 जुलाई 2020 अंगरथी साहित्य समूह ने ऑनलाइन अखिल भारतीय अंगिका काव्य गोष्ठी के आयोजन करलकै , जेकरा मँ अंगरथी साहित्य समूह के साहित्यकारौ नँ दुखित ह्रदय सँ हाल ही मँ दिवंगत वरिष्ठ अंगिका व हिन्दी साहित्यकार कैलाश झा किंकर जी क अपनौ आरू उनकौ रचना द्वारा भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करलकै ।
गोष्ठी के आरंभ सरस्वती वंदना सँ भेलै । प्रसिद्ध कवि विकास गुलाटी जी नँ अपनौ सुमधुर कंठ सँ बहुत सुंदर सरस्वती वंदना प्रस्तुत करलकै ।
गोष्ठी के अध्यक्षता वरिष्ठ अंगिका कवि शिवनंदन सलिल जी नँ करलकै आरू मुख्य अतिथि अनिल कुमार झा जी रहै । विशिष्ट अतिथि इंदु भूषण मिश्र जी के अलावा आरू कुछ गणमान्य कवि जे ई गोष्ठी मँ शामिल होलै, उनकौ नाम छै, विकास सिंह गुलाटी जी, सुजाता कुमारी जी, लक्ष्मण मंडल जी, फुल कुमार अकेला जी, रेनू ठाकुर जी ,एम सलमान बी जी आरू मनोरंजन सिंह चौहान जी ।
श्रद्धेय कैलाश भाई किंकर जी क श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित ई गोष्ठी मँ कुछ कवियो के उत्कृष्ट पंक्ति उल्लेखनीय छै --
अनिल कुमार झा -
एना हड़बड़ करने नहियें,तोहें जैतिहे की होथिहौं।
संग सखा सें मिली जुली के,
जौं बतियैतिहे की होतिहौं
रेनू ठाकुर-
कवि गण छोड़िए उड़ी गेल हो सुगना
एक - एक कवि मिली गुरूप बनैलकै गीत गज़ल भजन सुनाय होssss कोरना दुश्मनमा कन्नs सs अइलै
हुनका छीनी कs लगेल हे सुगना
कवि गण छोड़िए उड़ी गेल हो सुगना
विकास सिंह गुलाटी -
रिमझिम बरसै छै बदरिया सावन में
डा. इंदु भूषण मिस्र देवेंन्दु -
जै जै जै जगदंबे मायआयजग के उवारऽ।
छैलऽदसंकट मिटाय माय जंग के उवारऽ।
सुप्रिया सिंह वीणा-
मानौं तॅ बस हार छै, ठानौं तॅ छै जीत
मनोरंजन सिंह चौहान -
ॠषि मुनी कत्ता करले छै बखान
जग मॅ छै माय माय महान ।।
लक्ष्मण मंडल -
गीत- सावन महीना मँ, कादों पसीना मँ
खेत जोतैं छै हर्र-हर्र किसान
जेना सीमा पर अड़लों जवान !!
कार्यक्रम के समापन प सब्भे वरिष्ठ साहित्यकारौ नँ ई गोष्ठी क अंगिका साहित्य के विकास लेली उठैलै गेलौ उचित प्रयास बतैलकै आरू संयोजिका सुप्रिया सिंह वीणा क कार्यक्रम के सफल आयोजन के बहुत बधाई देलकै ।
संयोजिका, सुप्रिया सिंह वीणा नँ भी सब्भे साहित्यकारो क अपनो महत्वपूर्ण समय दै लेली धन्यवाद देलकै आरू समय-समय पर काव्य गोष्ठी सँ जुड़ै के भी अनुरोध करलकै ।
सुजाता कुमारी द्वारा प्रस्तुत दिवंगत कैलाश झा किंकर जी के अमर पंक्ति --
गरमी के ताव गेलै, धुओ केरो भाव गेलै।
छांव भेलै शिर पर भावै छै बदरिया।
गरमी के ताव गेलै, धुओ केरो भाव गेलै।
छांव भेलै शिर पर भावै छै बदरिया।
अनिल कुमार झा -
एना हड़बड़ करने नहियें,तोहें जैतिहे की होथिहौं।
संग सखा सें मिली जुली के,
जौं बतियैतिहे की होतिहौं
रेनू ठाकुर-
कवि गण छोड़िए उड़ी गेल हो सुगना
एक - एक कवि मिली गुरूप बनैलकै गीत गज़ल भजन सुनाय होssss कोरना दुश्मनमा कन्नs सs अइलै
हुनका छीनी कs लगेल हे सुगना
कवि गण छोड़िए उड़ी गेल हो सुगना
विकास सिंह गुलाटी -
रिमझिम बरसै छै बदरिया सावन में
डा. इंदु भूषण मिस्र देवेंन्दु -
जै जै जै जगदंबे मायआयजग के उवारऽ।
छैलऽदसंकट मिटाय माय जंग के उवारऽ।
सुप्रिया सिंह वीणा-
मानौं तॅ बस हार छै, ठानौं तॅ छै जीत
मनोरंजन सिंह चौहान -
ॠषि मुनी कत्ता करले छै बखान
जग मॅ छै माय माय महान ।।
एम सलमान बी-
कि हिन्दू आरू कि मुस्लिम
आसमान छै सब्भै के उप्पर
कि हिन्दू आरू कि मुस्लिम
आसमान छै सब्भै के उप्पर
लक्ष्मण मंडल -
गीत- सावन महीना मँ, कादों पसीना मँ
खेत जोतैं छै हर्र-हर्र किसान
जेना सीमा पर अड़लों जवान !!
कार्यक्रम के समापन प सब्भे वरिष्ठ साहित्यकारौ नँ ई गोष्ठी क अंगिका साहित्य के विकास लेली उठैलै गेलौ उचित प्रयास बतैलकै आरू संयोजिका सुप्रिया सिंह वीणा क कार्यक्रम के सफल आयोजन के बहुत बधाई देलकै ।
संयोजिका, सुप्रिया सिंह वीणा नँ भी सब्भे साहित्यकारो क अपनो महत्वपूर्ण समय दै लेली धन्यवाद देलकै आरू समय-समय पर काव्य गोष्ठी सँ जुड़ै के भी अनुरोध करलकै ।
ज्ञातव्य छै कि ई गोष्ठी हर इतवार क साँझैं 5:00 बजे डीओ यू प आयोजित करलो जाय छै । सब्भे अंगिका कवियो सें निवेदन छै कि कृपया मंच पर जग्घौ पाबै लेली 97 17 11 4442 प संपर्क करौ ।
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