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पाक नँ आरू कोय रस्ते कहाँ छोड़लै छै ? | Angika Samvad - Abree Dafi | by Kundan Amitabh

पाक नँ आरू कोय रस्ते कहाँ छोड़लै छै ?

अंगिका संवाद : अबरी दाफी | कुंदन अमिताभ

भारत-पाक संबंधौ मँ मंदी के व्यापक रूप सँ आशंका छेलबे करलै। जेकि अबै जाय क आरू पुख्ता होय रहलौ छै । भारत द्वारा पिछला महीना जासूसी के आरोप मँ दिल्ली मँ पाकिस्तानी उच्चायोग केरौ दू मध्यम स्तर के राजनयिको क निष्कासित करलौ गेला के बाद, पाकिस्तान नँ एक जैसनौ क तैसनौ घोषणा के तहत दू भारतीय राजनयिको प बड़ा गलत तरह सँ हमला करलकै।

दूनो भारतीय राजनयिको क पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियें उठाय लेलकै आरू एगो अनजान जग्घौ प ले जाय क आईएसआई ठगौ द्वारा प्रताड़ित करलौ गेलै। जबै भारत नँ उनकौ लापता होय के कड़ा विरोध दर्ज करलकै, तबै जाय क पाकिस्तान नँ हुनका सिनी क रिहा करलकै। वाघा सीमा दन्नें सँ घऽर लौटी रहलौ दूनू भारतीयो के तस्वीरौ मँ इस्लामाबाद सँ मान्यता प्राप्त राजनयिको के साथ करलौ गेलौ अमानवीय व्यवहार के पाकिस्तान के बयानो के सबूत देखलैलौ गेलौ छै। ई कूटनीतिक संहिता के मूल सिद्धांतों के उल्लंघन छेकै, जेकरा लेली पाकिस्तान वियना कन्वेंशन के तहत एगो हस्ताक्षरकर्ता छेकै।



मंगलवार क एगो बयान में, विदेश मंत्रालय नँ कहलै छै कि पाकिस्तान आरू ओकरौ अधिकारियो सिनी के व्यवहार राजनयिको लेली व्यापक रूप सँ स्वीकृत कोड के अनुरूप नै रहै। "एकरौ विपरीत, ई पाकिस्तान के सीमा पार हिंसा आरू आतंकवाद के समर्थन करै के एगो बड़ौ नीति के आंतरिक तत्व छेकै", विदेश मंत्रालय नँ जोर द क इ कहलकै।

इ लेली, ई स्वागत योग्य छै कि सरकार नँ इस्लामाबाद आरू पाकिस्तान केरौ नई दिल्ली मँ रही रहलौ कर्मचारियो के ताकत क आधा करै के फैसला करनै छै। पाकिस्तान म भारतीय मिशन अबय 55 पर सिमटी जैतै। पाकिस्तान क भी ऐसने ही करै ल परतै।

2001 मँ संसद प हमला के बाद ई पहलो दाफी होय रहलौ छौ जबै दू मिशनौ के ताकत मँ इ तरह के कमी लागू करलौ जाय रहलौ छै। ई अगला दू दिना मँ करलौ जाना छै।

काफी स्पष्ट रूप सँ, सरकार नँ फैसला करलै छै कैन्हेंकि पाकिस्तान के भद्रता के रस्ता पर लौटै के संभावना नै छै । कश्मीर मँ अपनौ आतंकवादी गतिविधियो क जारी रखै के अलावा, पाकिस्तान नँ भारत के खिलाफ परेशानी बढ़ाबै लेली वर्तमान भारत-चीन सीमा गतिरोध के फायदा उठाबै के कोशिश करनै छै।

दस महीना पहले पाकिस्तान नँ भारत के साथ संबंध क कमतर करी देलै छै, अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू आरू कश्मीर क विशेष दर्जा के निरसन के बाद अपनौ उच्चायुक्त क वापस बोलाय लेलै छेलै। भारत नँ भी वैसने करी क अपनौ कार्यवाहक उच्चायुक्त क प्रभार सौंप देलै छेलै।

यहाँ तलक ​​कि दू भारतीय राजनयिको के शारीरिक यातना के स्पष्ट सबूत के बावजूद, ओकरा सँ इनकार करतें हुअयपाकिस्तान द्वारा भारतीय आरोपो के पूरा तरह सँ अस्वीकृति, कि ओंय उनका साथें कोय दुर्व्यवहार करलकौ, कोय आश्चर्य वाला बात नै छेकै । पाकिस्तान हर तरह सँ एगो गिरलौ देश ऐसनौ व्यवहार करी रहलौ छै ।

दूनू पड़ोसियो के बीच संबंध आरू खराब होतें जैतै, कैन्हें कि ई तथ्य प विश्वास करतें हुअय कि भारत, चीन के साथ चली रहलौ गतिरोध सँ विचलित छै, ई देखतें हुअय पाकिस्तान शरारत करी क भारत क परेशान करै के कोशिश करतें रहतै ।

हालाँकि, विभिन्न वैश्विक बहुपक्षीय मंचो मँ पाकिस्तान के तेजी से घटतें जाय रहलौ प्रभाव क देखतें हुअय आरू पाकिस्तान के बढ़लौ जाय रहलौ आर्थिक आरू राजनीतिक कठिनाइयो के चलतें ओकरा दन्नें सँ भारत क परेशान करै लेली आऱू कुछ नहीं छै।

पाकिस्तान के मानना छै कि वू भारत के कार्ड खेली क अपनौ घरेलू संकट क दूर करै सकै छै। हालाँकि पीड़ित देशवासी सिनी क लंबा समय तलक मूर्ख बनाय क रखना पाकिस्तानी हुकूमत लेली संभव भी नै छै

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