अंगिका क भारतीय संविधान केरौ आठमौ अनुसूची मँ शामिल करवावै लेली 5 दिसम्बर कजन्तर-मन्तर प धरना आरू 6 दिसम्बर क राज घाट पर आमरण-अनसन सह सत्याग्रह । Dharnaat Jantar Mantar on 5 December and fasting on 6 March at Raj Ghatplanned to include Angika in the Eighth Schedule of the IndianConstitution | News in Angika
अंगिका क भारतीय संविधान केरौ आठमौ अनुसूची मँ शामिल करवावै लेली 5 दिसम्बर क जन्तर-मन्तर प धरना आरू 6 क राज घाट पर आमरण-अनसन सह सत्याग्रह । Dharna at Jantar Mantar on 5 December and fasting on 6 December at Raj Ghat planned to include Angika in the Eighth Schedule of the Indian Constitution | News in Angika
भागलपुर :२२ अगस्त, २०१९ । अंग महाजनपद केरौ लोक भाषा अंगिका क भारतीय संविधान केरौ आठमौ अनुसूची मँ शामिल करी क यूजीसी के पाठ्यक्रम मँ एकरा लागू करै लेली,अंग क्षेत्र के सब्भे रेलवे स्टेशनो प अंगिका भाषा मँ सूचना प्रसारण कराबै लेली,आकाशवाणी व दूरदर्शन केन्द्रो मँ अंगिका भाषा में कार्यक्रम सुनिश्चित कराय क अंग क्षेत्र मँ बंद पड़लौ कल-कारखाना क चालू कराबै के माँग क ल करी क अंग उत्थान आन्दोलन समिति,बिहार-झारखंड नँ अबय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मँ इन्क्लाबी तेवर के साथ जंग के ऐलान करलै छै।
- आखिरी दम तलक लड़बै अंगिका के अस्मिता आरू सम्मान के लड़ाई - गौतम सुमन
- ई आंदोलन अंगिका क अष्टम अनुसूची सँ दूर रखै के राजनीति क नया दिशा द क सही व प्रबल रूपरेखा तैयार करतै - डॉ. अमरेन्द्र
- अंग-अंगिका सँ जेकरा होतै प्यार, हुनी दिल्ली जाय लेली जरूर होतै तैयार - दिनेश तपन
- मोदी छै त मुमकिन छै - लोकतंत्र मँ कोय भी लोक भाषा क उनकौ अधिकार व सम्मान सँ वंचित रखना कदापि उचित नै छै - कवि धीरज पंडित
- 1 दिसम्बर क इन्क्लाबी तेवर के साथ दिल्ली दन्नें होलो जैतै रवाना
- 2 सँ ल करी क 4 दिसम्बर तलक अंग केरौ सांसद आरू दिल्ली मँ रही रहलौ अंगिका भाषियौ क एकजुट होय के करलौ जैतै अपील
- 5 दिसम्बर क जन्तर-मन्तर पर धरना आरू फेरू 6 दिसंबर क राज घाट प आमरण-अनसन सह सत्याग्रह
ई बावत आय स्थानीय स्टेशन रोड स्थित होटल आहार के नीचे परिसर मँ एगो विचार गोष्ठी के आयोजन करी क समिति के केंद्रीय अध्यक्ष गौतम सुमन नँ उक्त बात व निर्णय के खुलासा करलकै । श्री सुमन नँ बतैलकै कि उनकौ खामोशी आरू चुप्पी देखी क लोगौ क लगै लगलौ छेलै कि उनकौ आंदोलन केरौ सफरनामा थमी चुकलौ छै,जबकि ऐसनौ कोय बात नै रहै ।
श्री सुमन नँ कहलकै कि दरअसल वू अंग-अंगिका के समुचित सम्मान व अधिकार के लड़ाई हेतु इनक्लाबी तेवर के साथ एक बड़ौ जन-आंदोलन के तैयारी करी रहलौ छेलै आरू जेकरा लेली वू अपनौ समिति के नेतृत्व मँ अंग प्रोटक्शन फोर्स के निर्माण करै मँ जुटलौ रहै । हुनी बतैलकै कि अंग प्रोटक्शन फोर्स लेली हुनी अखनी तलक 38 टोली आरू 501 सैनिक क तैयार करी चुकलौ छै। जबकि 25 दिसंबर तलक 51 टोली आरू 1008 सैनिक तैयार करै के हुनको लक्ष्य छै।
हुनी कहलकै कि अंगिका के अस्मिता आरू सम्मान के लड़ाई हुनी आखरी दम तलक लड़तै । हुनी कहलकै कि अंगिका के समुचित सम्मान आरू अधिकार लेली वू अपनौ समिति के नेतृत्व मँ इनक्लाबी तेवर के साथ 1 दिसंबर क राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली लेली रवाना होतै, 2 सँ 4 दिसम्बर तलक अंग क्षेत्र के सांसदो से संपर्क करतें हुअय दिल्ली मँ रही रहलौ अंगिका भाषियो क एकजुट करी क 5 दिसम्बर क वहीं जंतर-मंतर पर धरना देतै आरू फिर 6 दिसम्बर क राजघाट पर आमरण अनसन पर बैठतै । हुनी ई भी बतैलकै कि सब लोग रेल मार्ग द्वारा रेलवे टिकट ल करी क दिल्ली लेली कूच करतै आरू एकरा लेली हुनकौ पारिवारिक सदस्यौ नँ अखनी तालुक 12 टिकट दिल्ली लेली आरक्षित करवाय चुकलौ छै । हुनी बतैलकै कि ई आन्दोलन के सूचना हुनी रजिस्ट्री डाक द्वारा देश केरौ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली केरौ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व दिल्ली पुलिस कमिश्नर क द चुकलौ छै।
मौका पर मौजूद हिंदी-अंगिका के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अमरेन्द्र नँ समिति के ई निर्णय क ऐतिहासिक व समय के सच्चा पुकार बतैलकै आरू कहलकै कि देश मँ सुशासन व रामराज्य के झलक दिखी रहलौ छै, ऐसनौ मँ हुनका पूरा विश्वास छै कि हुनकौ लोक भाषा अंगिका क समुचित अधिकार व सम्मान जरूर मिलतै । हुनी बतैलकै कि समिति के ई आंदोलन लोकभाषा अंगिका क भारतीय संविधान केरौ अष्टम अनुसूची सँ दूर रखै के राजनीति क नया दिशा द करी क एगो सही व प्रबल रूपरेखा तैयार करतै । हुनी अंग के सब्भे साहित्यकारौ आरू अंगिका प्रेमियों सँ आग्रह करलकै कि हुनी आपसी द्वेष भावना त्यागी करी क समिति केरौ ई आवाज मँ एकजुट होय करी क शामिल हुअय ।
वहीं साहित्यकार दिनेश बाबा तपन नँ समिति अध्यक्ष गौतम सुमन केरौ ई निर्णय क ऐतिहासिक व अविस्मरणीय बतैतें हुनको जोश-जुनून आरू जज्बा क नमन करलकै आरू कहलकै कि अंग-अंगिका सँ जेकरा होतै प्यार, हुनी दिल्ली जाय लेली जरूर होतै तैयार।
कवि धीरज पंडित नँ मोदी छै त मुमकिन छै के बात करतें कहलकै कि लोकतंत्र मँ कोय भी लोक भाषा क उनकौ अधिकार व सम्मान सँ वंचित रखना कदापि उचित नै छै।
समिति के साथ डेग सँ डेग मिलाय क भागलपुर सँ पटना तलक बूली क यात्रा करै वाला कवि जगदीश यादव नँ कहलकै कि जबअ भारतीय संविधान के आठमौ अनुसूची मँ शामिल होय के सब्भे शर्त आरू मापदंडो क अंगिका भाषा पूरा करै छै त फिर एकरा ई सम्मान सँ वंचित रखना अनुचित छै । हुनी कहलकै कि हुनी अपनौ पूरा कुनबा के साथ दिल्ली के ई लड़ाई मँ साथ चलै ल तैयार छै ।
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