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एगो चिरैयां जे बनलै जापानी बुलेट ट्रेन के हुलिया बदलै के वजह | News in India

एगो चिरैयां जे बनलै जापानी बुलेट ट्रेन के हुलिया बदलै के वजह ।

लंदन । 7 अप्रैल, 2019 । की मछली बहुल इलाका मँ पानी मँ धोंस मारी क मछली के शिकार लेली नद्दी या पोखर लगाँकरौ कोनो गाछी प ध्यानस्थ मुद्रा मँ बैठलौ दिखी जाय वाली नीलकंठ या रमचिरैयां भी आधुनिक युगौ के जापानी बुलेट ट्रेन के हुलिया बदलै के वजह बनै सकै छै ?

बी बी सी मँ छपलौ एगो प्रजेंटेसन के हिसाब सँ 30 साल पहलें जापान केरौ बुलेट ट्रेन एगो तकनीकी मुश्किल मँ फंसी गेलौ रहै । बुलेट ट्रेन क बचाबै मँ किंगफ़िशर यानि कि नीलकंठ या रामचिरैंयां के अहम भूमिका छेलै ।


नीलकंठ

दरअसल तीस साल पहलें ई महसूस करलौ गेलै कि सुरंग सँ गुजरै घड़ियाँ बुलेट ट्रेन बहुत तेज आवाज करै लगै छेलै । एकरा सँ मोसाफिर क त दिक्कत होथै छेलै, आसपास रहै वाला जानवर आरू निवासी सब क भी बहुत दिक्कत होय छेलै।

आखिर की होय रहलौ छेलै ?

दरअसल बुलेट ट्रेन के सुरंग मँ घुसै घड़ियाँ सामने सँ हवा के दबाब बनी जाय छेलै । आरू यहै कम्प्रेस्ड हवा एगो ध्वनि तरंग यानि आवाज के लहर बनाय दै छेलै । जबै ट्रेन सुरंग सँ निकलै छेलै त जोरदार आवाज बनी क उभरी जाय छेलै । ई आवाज ऐसनौ रहै छेलै, जेना कि कोनो गोली चललौ हुवौ । ई कम्प्रेस्ड हवा के चलतें ट्रेन के रफ्तार भी कम होय जाय छेलै । जेना कि ट्रेन पानी मँ उतरी क चली रहलौ हुए ।


ऐन्झैं नीलकंठ केरौ चोंच काम ऐलै । नीलकंठ केरौ चोंच देखी क आइडिया ऐलै । कैन्हें कि नीलकंठ केरौ चोंच ओकरा पानी मँ प्रवेश करै मँ बड्डी मदद करै छै । ओकरौ चोच लंबा, सीधा आरू पतला होय छै । चोंच केरौ अंतिम सिरा सँ ल करी क सिर दन्नें बढ़ते हुअ एकरौ व्यास चौड़ौ होय छै।


यहै वजह सँ जबै नीलकंठ पानी मँ दाखिल होय छै, त ओकरा चोट नै लगै छै । सभसें पहिनै ओकरौ चोंच पानी मँ जाय छै । आरू पानी ओकरा सँ टकराबै के बजाय चोंच के दोनो तरफ छूतें हुअ निकली जाय छै । ठीक ऐसने बुलेट ट्रेन नै करै पाबी रहलौ छेलै।


ट्रेन सँ जुड़लौ टीम नँ नीलकंठ के चोंचौ के अध्ययन करलकै । हुनी पैलकै कि नीलकंठ के चोंच दू त्रिभुज सँ मिली क बनलौ छै जेकरौ किनारा गोल छै । त्रिभुज आरू गोल मिली क चोंच क डायमंड यानि हीरा के आकार प्रदान करै छै।


ई तरह सँ नीलकंठ केरौ चोंच नँ जापानी चीम क बुलेट ट्रेन केरौ आगू के हिस्सा डिजायन करै मँ मदद करलकै।


जबै ई प्रकार सँ डिजायन करलौ गेलौ बुलेट ट्रेन क टेस्ट करलौ गेलै, त पैलौ गेलै कि बुलेट ट्रेन जादा शांत, तेज आरू कहीं जादा ताकतवर बनी गेलौ छेलै । हवा के दबाब भी ३० प्रतिशत कम होय गेलौ रहै ।


English Content & Sketch Source : https://www.bbc.com/hindi/media-47852888
Photo Source : Wikipedia.org








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