होली खैले शिव शंकर
अंगिका गीत | रंजना सिंह “अंगवाणी बीहट “
होरी खेलै शिव शंकर
गौरा पार्वती के संगै।
पार्वती के संगै हो पार्वती संगै
होरी खेले शिव शंकर
माता पार्वती के संगै।
भंग पीकै शिवजी नाचे छै
शिवजी नाचे छै हो शिवजी नाचे छै
भूतऽ-बेतालऽ के संगै
बेतालऽ के संगै हो बेतालऽ के संगै।
शिव जी नाचै छै।
शिवजी उड़ाबै छै भष्म अबीरा
भष्म अबीरा हो भष्म अबीरा
गोरा दाय पीसे छै भांग धतूरा
भांग धतूरा हो भांग धतूरा।
कैलाश म’° मचलऽ छै शोर
होरी खेलै शिव शंकर
सर्प छोड़ै छै विष पिचकारी
विष पिचकारी हो विष पिचकारी।
डरी-डरी लोगवा भागै छै घरऽ द्वारी
घरऽ द्वारी हो घरऽ द्वारी।
मनऽ पर छै नञ केकर्हो जोर
होरी खेलै शिव शंकर।
Angika Poetry – Holi Khelai Shiv Shankar | होली खैले शिव शंकर
Poet – Ranjana Singh | रंजना सिंह “अंगवाणी बीहट “