अंग जल
गजल -११
— सुधीर कुमार प्रोग्रामर —
मुबारक हो रमजान पावन महीना।
खुषी सॅे हिमालय केॅ निकलै पसीना।
अजां, सेहरी आरो रोजा नमाजी
इनायत मॅ खाड़ोॅ इ मक्का मदीना।
इतर से गमागम फ़जा ईद के छै
लगाबोॅ गला आरो सीना सॅे सीना।
कहीं सेवई छै कहीं वीरजानी
इ मंदिर इ मस्जिद धरम के नगीना।
कि हर-हर महादेव-अल्लाह अकबर
इ हिन्दुस्तां रंग मिलतै कहीना।
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Angika Poetry / Gazal : Ang Jal / अंग जल
Poet : Sudhir Kumar Programmar / सुधीर कुमार प्रोग्रामर
Angika Gazal Collection / अंगिका गजल संग्रह – अंग जल